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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 03 May 2018 06:16 PM IST
अदालत ने आरएसएस मानहानि मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना बयान दर्ज कराने के लिए 12 को जून को पेश होने का आदेश दिया है। आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने 2014 में भिवंडी में राहुल गांधी का भाषण सुनने के बाद उनके खिलाफ केस दर्ज किया था। राहुल ने उस भाषण में कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे आरएसएस का हाथ था।
आरएसएस मानहानि मामले में राहुल 12 जून को तलब
इस मामले में लिखित हलफनामा के बजाय बयान दर्ज करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष की याचिका पर अदालत ने बुधवार को सुनवाई 12 जून तक के लिए टाल दी। अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई के दिन याचिका पर आदेश पारित किया जाएगा और बचाव पक्ष (राहुल गांधी) का बयान भी दर्ज किया जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे संघ
आमतौर पर इस तरह के मामले में समरी ट्रायल यानी लिखित बयान के आधार पर सुनवाई की जाती है, लेकिन राहुल गांधी ने समंस ट्रायल का अनुरोध करते हुए पिछले महीने एक याचिका दायर की थी। गांधी के वकील नारायण अय्यर ने कहा कि यह मामला ऐतिहासिक तथ्यों से संबंधित है, इसलिए उन्हें कई दस्तावेजों का सहारा लेना पड़ेगा और विशेषज्ञों के बयान दर्ज करवाने होंगे।
बता दें कि इससे पहले गांधी ने इस मामले को खारिज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा था कि उन्हें इस तरह से किसी संस्था को बदनाम नहीं करना चाहिए था। अगर वे इस मामले में अफसोस जाहिर नहीं करते हैं तो उन्हें ट्रायल का सामना करना पड़ेगा। गांधी ने इसे खारिज करते हुए अदालती कार्यवाही में शामिल होने का फैसला किया है।
अदालत ने आरएसएस मानहानि मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना बयान दर्ज कराने के लिए 12 को जून को पेश होने का आदेश दिया है। आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने 2014 में भिवंडी में राहुल गांधी का भाषण सुनने के बाद उनके खिलाफ केस दर्ज किया था। राहुल ने उस भाषण में कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे आरएसएस का हाथ था।
आरएसएस मानहानि मामले में राहुल 12 जून को तलबइस मामले में लिखित हलफनामा के बजाय बयान दर्ज करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष की याचिका पर अदालत ने बुधवार को सुनवाई 12 जून तक के लिए टाल दी। अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई के दिन याचिका पर आदेश पारित किया जाएगा और बचाव पक्ष (राहुल गांधी) का बयान भी दर्ज किया जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे संघ
आमतौर पर इस तरह के मामले में समरी ट्रायल यानी लिखित बयान के आधार पर सुनवाई की जाती है, लेकिन राहुल गांधी ने समंस ट्रायल का अनुरोध करते हुए पिछले महीने एक याचिका दायर की थी। गांधी के वकील नारायण अय्यर ने कहा कि यह मामला ऐतिहासिक तथ्यों से संबंधित है, इसलिए उन्हें कई दस्तावेजों का सहारा लेना पड़ेगा और विशेषज्ञों के बयान दर्ज करवाने होंगे।
बता दें कि इससे पहले गांधी ने इस मामले को खारिज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा था कि उन्हें इस तरह से किसी संस्था को बदनाम नहीं करना चाहिए था। अगर वे इस मामले में अफसोस जाहिर नहीं करते हैं तो उन्हें ट्रायल का सामना करना पड़ेगा। गांधी ने इसे खारिज करते हुए अदालती कार्यवाही में शामिल होने का फैसला किया है।
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