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भारत में आधार कार्ड और उसकी निजता को लेकर अभी भी कई तरह की धारणाएं बनी हुई है। केंद्र सरकार ने जहां आम आदमी के हर सरकारी और गैर सरकारी काम के लिए आधार को 'मस्ट' कर दिया था वहीं भारी विरोध के बाद भी मस्ट नहीं हो पा रहा है।
माइक्रोसाफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की आधार तकनीक निजता के लिए कोई खतरा नहीं है। बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने विश्व बैंक को फंड भी दिया है ताकि इसे दूसरे देशों में भी शुरू कराया जा सके।
बिल ने बताया कि इंफोसिस के संस्थापक और आधार कार्ड के मुख्य आर्किटेक्ट नंदन नीलेकणि इस प्रोजेक्ट में विश्व बैंक की मदद भी कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या दूसरे देशों को आधार अपनाना चाहिए। तो उन्होंने जवाब दिया, हां। यह तकनीक नकल के लायक है।
दूसरे देशों को इसे अपनाना चाहिए क्योंकि शासन की गुणवत्ता के लिए बहुत कुछ किया जाना है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो और लोग सशक्त बनें। इसलिए हमने आधार को दूसरे देशों में लागू करने के लिए विश्व बैंक को फंड दिया है। ज्ञात हो कि देश में अब तक एक अरब से ज्यादा लोग आधार कार्ड बनवा चुके हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक सिस्टम है।
बिल ने कहा कि वे मानते हैं कि भारत के पड़ोसी देशों समेत कई मुल्कों को नई दिल्ली से मदद मांगनी चाहिए और अपने देशों में आधार लागू करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आधार निजता के लिए खतरा नहीं हो सकता है। यह सिर्फ जैविक आईडी प्रमाणिकता योजना है।
आधार में जिन एप्लिकेशन का इस्तेमाल होता है। उसमें आप देख सकते हैं कि वहां क्या डाटा है और किसकी वहां तक पहुंच है। यह आपको ध्यान रखना चाहिए कि आपके आधार का प्रबंधन ठीक से होगा। बैंक अकाउंट के मामले में यह बेहद सही ढंग से हुआ है।
प्रधानमंत्री की तारीफ
बिल ने कहा कि आधार की योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यकाल में शुरू की गई। इसलिए उन्हें इसका श्रेय देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और नंदन नीलेकणि मेरे दोस्त हैं। इससे पहले नवंबर, 2016 में नीति आयोग के कार्यक्रम में बिल ने कहा था कि आधार ऐसी योजना है, जैसे पहले किसी सरकार ने नहीं शुरू की। अमीर देशों ने भी नहीं।
भारत में आधार कार्ड और उसकी निजता को लेकर अभी भी कई तरह की धारणाएं बनी हुई है। केंद्र सरकार ने जहां आम आदमी के हर सरकारी और गैर सरकारी काम के लिए आधार को 'मस्ट' कर दिया था वहीं भारी विरोध के बाद भी मस्ट नहीं हो पा रहा है।
माइक्रोसाफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की आधार तकनीक निजता के लिए कोई खतरा नहीं है। बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने विश्व बैंक को फंड भी दिया है ताकि इसे दूसरे देशों में भी शुरू कराया जा सके।
बिल ने बताया कि इंफोसिस के संस्थापक और आधार कार्ड के मुख्य आर्किटेक्ट नंदन नीलेकणि इस प्रोजेक्ट में विश्व बैंक की मदद भी कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या दूसरे देशों को आधार अपनाना चाहिए। तो उन्होंने जवाब दिया, हां। यह तकनीक नकल के लायक है।
दूसरे देशों को इसे अपनाना चाहिए क्योंकि शासन की गुणवत्ता के लिए बहुत कुछ किया जाना है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो और लोग सशक्त बनें। इसलिए हमने आधार को दूसरे देशों में लागू करने के लिए विश्व बैंक को फंड दिया है। ज्ञात हो कि देश में अब तक एक अरब से ज्यादा लोग आधार कार्ड बनवा चुके हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक सिस्टम है।
प्रधानमंत्री की तारीफ
बिल ने कहा कि वे मानते हैं कि भारत के पड़ोसी देशों समेत कई मुल्कों को नई दिल्ली से मदद मांगनी चाहिए और अपने देशों में आधार लागू करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आधार निजता के लिए खतरा नहीं हो सकता है। यह सिर्फ जैविक आईडी प्रमाणिकता योजना है।
आधार में जिन एप्लिकेशन का इस्तेमाल होता है। उसमें आप देख सकते हैं कि वहां क्या डाटा है और किसकी वहां तक पहुंच है। यह आपको ध्यान रखना चाहिए कि आपके आधार का प्रबंधन ठीक से होगा। बैंक अकाउंट के मामले में यह बेहद सही ढंग से हुआ है।
प्रधानमंत्री की तारीफ
बिल ने कहा कि आधार की योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यकाल में शुरू की गई। इसलिए उन्हें इसका श्रेय देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और नंदन नीलेकणि मेरे दोस्त हैं। इससे पहले नवंबर, 2016 में नीति आयोग के कार्यक्रम में बिल ने कहा था कि आधार ऐसी योजना है, जैसे पहले किसी सरकार ने नहीं शुरू की। अमीर देशों ने भी नहीं।
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