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आतंकियों के लिए दहशत का दूसरा नाम बन चुके मेजर रोहित शुक्ला ने कश्मीर के स्थानीय युवाओं का जबरदस्त नेटवर्क बना लिया था। समीर टाइगर जैसे आतंकी अपनी हरकतों से गांव वालों को परेशान करते थे। इसलिए इन गांवों के युवा स्वाभाविक रूप से मेजर से जुड़ गए थे।
आतंकी इन युवाओं को मुखबिर समझते थे। ऐसे ही जावेद नाम के एक युवक को समीर टाइगर ने अपनी मौत से एक दिन पहले बुलवाया था। समीर को उसके मुखबिरों ने बताया था कि जावेद, मेजर शुक्ला के संपर्क में रहता है। इस पर उसने जावेद को उठवा लिया। उसके कपड़े उतरवा लिए गए।
वह वीडियो क्लिप अमर उजाला के हाथ लगी है जिसमें समीर टाइगर जावेद से पूछताछ कर रहा है। तभी उसने जावेद के जरिये मेजर को चुनौती दी कि उसने अगर मां का दूध पीया है तो सामने आए। ये वीडियो वायरल हुआ और अगले ही दिन मेजर शुक्ला के नेतृत्व में सुरक्षा बलों की टीम ने समीर टाइगर को गीदड़ की मौत मार गिराया।
इस वीडियो में समीर कश्मीरी अंत में हिंदी में बात कर रहा है। पेश हैं वीडियो में बातचीत के अंश-
समीर: बता यार तेरा क्या नाम है।
जावेद: मेरा नाम जावेद अहमद डार है।
समीर: वालिद का क्या नाम है।
जावेद : गुलाम कादिर डार ... कस्बयार।
समीर: कस्बयार में रहता है।
जावेद : हां, जी हां।
समीर: तुझे किसी ने जोर जबरदस्ती से तो नहीं लाया है।
जावेद : न न... न मारा न कुछ किया... अच्छी तरह से।
समीर: सुन यार... हाथ नीचे रख... सच सच बताना कि कस्बयार में मेरी मुखबिरी कौन-कौन करता है।
जावेद : बासित अहमद डार, अल्ताफ डार का बेटा, आप समझे कौन..।
समीर: बोलते रहो।
जावेद : एक और है साहब डार।
समीर: जो संतरों (सेंट्रो कार) चलाता है... लंबा लंबा लड़का।
जावेद : हां, वही।
समीर: दो हुए... और।
जावेद : एक और है नादिबुग का एजाज... ये कंफर्म मुखबिर है... 100 परसेंट।
समीर: बोलो-बोलो।
जावेद : एक और है इम्तियाज अहमद...
समीर: कहां का।
जावेद : यही कस्बयार का ही।
समीर: कौन-सा।
जावेद : पूरा नहीं पता लेकिन अड्डे में रहता है। तीसरे किसी शख्स की आवाज: वो लंबा लंबा है।
समीर: और है कोई।
जावेद : नहीं, बस इतने ही लोगों का मुझे पता है।
समीर: दुबारा ऐसी गलती करोगे।
जावेद : नहीं... मैं तीन बार नाक रगड़ता हूं।
समीर: शुक्ला को कहना शेर ने शिकार करना क्या छोड़ा कुत्तों ने समझा कि जंगल हमारा है।
जावेद : बिल्कुल।
समीर: अगर उसने (मेजर शुक्ला) अपनी मां का दूध पिया है तो उसको कहो सामने आ जा।
जावेद : चलो ठीक है बोल दूंगा।
इससे पहले जावेद ये बात मेजर शुक्ला से कहता, खुद समीर टाइगर ने ही ये वीडियो वायरल करा दिया। अगले दिन तड़के मेजर की टीम ने दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा के द्रब्गाम गांव में समीर टाइगर और उसके एक साथी को घेर लिया और ढेर कर दिया।
वह एक स्कूल की इमारत में छिपा था। वह इसी गांव का रहने वाला था। भारतीय फौज के शेर ने कहा, सिर्फ नाम टाइगर रख लेेने से कोई टाइगर नहीं बन जाता। शेर को पता है कि उसे शिकार कैसे और कहां करना है।
आतंकियों के लिए दहशत का दूसरा नाम बन चुके मेजर रोहित शुक्ला ने कश्मीर के स्थानीय युवाओं का जबरदस्त नेटवर्क बना लिया था। समीर टाइगर जैसे आतंकी अपनी हरकतों से गांव वालों को परेशान करते थे। इसलिए इन गांवों के युवा स्वाभाविक रूप से मेजर से जुड़ गए थे।
आतंकी इन युवाओं को मुखबिर समझते थे। ऐसे ही जावेद नाम के एक युवक को समीर टाइगर ने अपनी मौत से एक दिन पहले बुलवाया था। समीर को उसके मुखबिरों ने बताया था कि जावेद, मेजर शुक्ला के संपर्क में रहता है। इस पर उसने जावेद को उठवा लिया। उसके कपड़े उतरवा लिए गए।
वह वीडियो क्लिप अमर उजाला के हाथ लगी है जिसमें समीर टाइगर जावेद से पूछताछ कर रहा है। तभी उसने जावेद के जरिये मेजर को चुनौती दी कि उसने अगर मां का दूध पीया है तो सामने आए। ये वीडियो वायरल हुआ और अगले ही दिन मेजर शुक्ला के नेतृत्व में सुरक्षा बलों की टीम ने समीर टाइगर को गीदड़ की मौत मार गिराया।
इस वीडियो में समीर कश्मीरी अंत में हिंदी में बात कर रहा है। पेश हैं वीडियो में बातचीत के अंश-
समीर: बता यार तेरा क्या नाम है।
जावेद: मेरा नाम जावेद अहमद डार है।
समीर: वालिद का क्या नाम है।
जावेद : गुलाम कादिर डार ... कस्बयार।
समीर: कस्बयार में रहता है।
जावेद : हां, जी हां।
समीर: तुझे किसी ने जोर जबरदस्ती से तो नहीं लाया है।
जावेद : न न... न मारा न कुछ किया... अच्छी तरह से।
sameer tiger
- फोटो : file photo
समीर: सुन यार... हाथ नीचे रख... सच सच बताना कि कस्बयार में मेरी मुखबिरी कौन-कौन करता है।
जावेद : बासित अहमद डार, अल्ताफ डार का बेटा, आप समझे कौन..।
समीर: बोलते रहो।
जावेद : एक और है साहब डार।
समीर: जो संतरों (सेंट्रो कार) चलाता है... लंबा लंबा लड़का।
जावेद : हां, वही।
समीर: दो हुए... और।
जावेद : एक और है नादिबुग का एजाज... ये कंफर्म मुखबिर है... 100 परसेंट।
समीर: बोलो-बोलो।
जावेद : एक और है इम्तियाज अहमद...
समीर: कहां का।
जावेद : यही कस्बयार का ही।
समीर: कौन-सा।
जावेद : पूरा नहीं पता लेकिन अड्डे में रहता है। तीसरे किसी शख्स की आवाज: वो लंबा लंबा है।
sameer tiger
- फोटो : file photo
समीर: और है कोई।
जावेद : नहीं, बस इतने ही लोगों का मुझे पता है।
समीर: दुबारा ऐसी गलती करोगे।
जावेद : नहीं... मैं तीन बार नाक रगड़ता हूं।
समीर: शुक्ला को कहना शेर ने शिकार करना क्या छोड़ा कुत्तों ने समझा कि जंगल हमारा है।
जावेद : बिल्कुल।
समीर: अगर उसने (मेजर शुक्ला) अपनी मां का दूध पिया है तो उसको कहो सामने आ जा।
जावेद : चलो ठीक है बोल दूंगा।
इससे पहले जावेद ये बात मेजर शुक्ला से कहता, खुद समीर टाइगर ने ही ये वीडियो वायरल करा दिया। अगले दिन तड़के मेजर की टीम ने दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा के द्रब्गाम गांव में समीर टाइगर और उसके एक साथी को घेर लिया और ढेर कर दिया।
वह एक स्कूल की इमारत में छिपा था। वह इसी गांव का रहने वाला था। भारतीय फौज के शेर ने कहा, सिर्फ नाम टाइगर रख लेेने से कोई टाइगर नहीं बन जाता। शेर को पता है कि उसे शिकार कैसे और कहां करना है।
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