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इस फैसले पर यूनिवर्सिटी प्रशासन, टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टॉफ ने भी छात्रों को समर्थन दिया है। बता दें कि बीते दशक में यह पहली बार होगा।
बता दें कि की जिन्ना तस्वीर हटाने को लेकर एएमयू में दो दिन से चल रहा विवाद बुधवार को हिंसक हो गया था। दोपहर में बाब-ए-सैयद पर जिन्ना का पुतला फूंकने पहुंचे हिंदू जागरण मंच व अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं का एएमयू छात्रों से टकराव हो गया। हिंदूवादियों को पुलिस द्वारा वहां से हटाए जाने के बाद एएमयू छात्र उनकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर बेकाबू हो गए।
छात्रों की भीड़ पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को धकियाती हुई सिविल लाइंस थाने की ओर कूच कर गई। इन बेकाबू छात्रों को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़ गए। इस संघर्ष में छात्रसंघ के पदाधिकारियों और एसपी सिटी समेत कई घायल हो गए। फिलहाल एएमयू के आसपास स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
पुलिस और छात्रों के बीच हुए संघर्ष में एसपी सिटी अतुल श्रीवास्तव, सीओ तृतीय संजीव दीक्षित, इंस्पेक्टर सिविल लाइन जावेद खान, एसएसआई नरेश, इंस्पेक्टर अकराबाद विनोद कुमार तथा सिपाही हर्ष चौहान सहित 13 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। छात्र संघ अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी, पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन, पूर्व उपाध्यक्ष माजिन जैदी व कैबिनेट सदस्य मो. नदीम सहित करीब एक दर्जन छात्र घायल हुए हैं।
घायलों को उपचार के लिए मेडिकल कालेज में दाखिल कराया गया है। बवाल के चलते प्रशासन के दखल पर यूनियन हाल में प्रस्तावित पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को मानद सदस्यता दिए जाने का कार्यक्रम रद्द हो गया और वे वापस चले गए।
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